Success Story: जब सपनों को उड़ान देनी होती है, तो रास्ते की रुकावटें भी आपको आगे बढ़ने से रोक नहीं सकतीं। यही बात सच कर दिखाया दिल्ली के दीपक साहनी ने। वो दौर याद कीजिए जब एक मध्यमवर्गीय परिवार का बेटा कॉलेज की पढ़ाई छोड़ने का बड़ा फैसला करता है और खुद की राह बनाने निकल पड़ता है। 19 साल की उम्र में दीपक ने जो जोखिम उठाया, वही आज उनकी सफलता की सबसे मजबूत नींव बन गया।
आपको बता दें कि दीपक की कंपनी Healthians आज भारत के हेल्थ डायग्नोस्टिक सेक्टर की अग्रणी कंपनियों में गिनी जाती है। शुरुआती संघर्ष, सीमित संसाधन और अनुभव की कमी – इन सबके बावजूद उन्होंने अपने जज्बे से 100 करोड़ से ज्यादा का कारोबार खड़ा कर दिया।
शुरुआत का संघर्ष: दुकान से सपनों तक का सफर
दीपक ने जब कॉलेज छोड़ा, तब उनके पास ना बड़ी डिग्री थी और ना ही बिजनेस का कोई बड़ा अनुभव। परिवार में भी इस फैसले को लेकर चिंता थी क्योंकि कोई भी चाहता है कि बेटा पढ़-लिखकर एक सुरक्षित नौकरी करे। लेकिन दीपक ने अलग सोचते हुए दिल्ली में एक छोटी सी कंप्यूटर हार्डवेयर की दुकान शुरू की।
शुरुआत में ग्राहक जुटाना बहुत बड़ी चुनौती थी। बड़े ब्रांड्स के मुकाबले खुद को साबित करना, रोजाना की कमाई से दुकान का किराया निकालना, और कर्मचारियों की तनख्वाह देना उनके लिए बड़ा संघर्ष था। कई बार ऐसा भी हुआ कि उन्होंने खुद सामान डिलीवर किया ताकि लागत कम हो सके।
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मेडिकल टूरिज्म में पहला कदम, फिर आई नई चुनौती
कंप्यूटर हार्डवेयर में कुछ साल काम करने के बाद दीपक को एहसास हुआ कि उनकी असली रुचि टेक्नोलॉजी को हेल्थकेयर से जोड़ने में है। उन्होंने मेडिकल टूरिज्म में कदम रखा और विदेशी मरीजों को भारत में बेहतर इलाज दिलाने का काम शुरू किया।
लेकिन यहां भी मुश्किलें कम नहीं थीं। अंतरराष्ट्रीय मरीजों का भरोसा जीतना, अस्पतालों से संपर्क बनाना और सभी प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से करना उनके लिए नए सबक लेकर आया। कई बार डील आखिरी समय पर रद्द हुई, लेकिन दीपक ने हार नहीं मानी।
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Healthians की शुरुआत: बड़ा सपना, सीमित साधन
दीपक ने देखा कि भारत में डायग्नोस्टिक सेक्टर में टेक्नोलॉजी का अभाव है। लोगों को घर बैठे ब्लड टेस्ट, हेल्थ चेक-अप जैसी सुविधा मुश्किल से मिलती थी। इसी कमी को देखते हुए उन्होंने Healthians की शुरुआत की।
शुरुआती दिन बेहद चुनौतीपूर्ण रहे। घर-घर जाकर सैंपल कलेक्शन का भरोसा बनाना आसान नहीं था। कई लोग नए प्लेटफॉर्म पर भरोसा करने से हिचकिचाते थे। लॉजिस्टिक्स, ट्रेंड स्टाफ, और टेक्निकल इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना दीपक के लिए बड़ी चुनौती थी।
लेकिन उनकी मेहनत रंग लाई। उन्होंने युवराज सिंह के फाउंडेशन से शुरुआती निवेश जुटाया और टेक्नोलॉजी के बल पर अपने प्लेटफॉर्म को मजबूत किया। धीरे-धीरे Healthians ने मार्केट में अपनी पहचान बनाई।
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Deepak साहनी की सीख: हर चुनौती में है सफलता का रास्ता
दीपक की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर आपके अंदर सीखने की भूख है, तो हर चुनौती आपको आगे बढ़ने में मदद करती है। उन्होंने हार्डवेयर की दुकान से लेकर हेल्थ डायग्नोस्टिक चेन तक हर मोड़ पर खुद को निखारा। उनके लिए हर नाकामी एक सीख थी और हर छोटी जीत अगली मंजिल की तैयारी।
आपको बता दें कि आज Healthians 100 से ज्यादा शहरों में 1,600 से ज्यादा तरह के टेस्ट की सुविधा देता है। कंपनी का अपना लॉजिस्टिक्स नेटवर्क है और टेक्नोलॉजी का ऐसा इस्तेमाल किया गया है जिससे ग्राहकों को सटीक रिपोर्ट्स समय पर मिलती हैं।
Pathway India News में नेहा एक समर्पित कंटेंट क्रिएटर के रूप में अपनी भूमिका निभा रही हैं। शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाएं और रोजगार से जुड़े हर पहलू पर उनकी पकड़ मजबूत है। करंट अफेयर्स, एजुकेशन अपडेट्स, सरकारी नौकरियों की वैकेंसी, करियर विकल्प, एग्जाम टिप्स और बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट से जुड़ी अहम जानकारी वे पाठकों तक पहुँचाने का काम करती हैं। नेहा को मीडिया क्षेत्र में करीब 4 साल का अनुभव है। इससे पहले वे News24 का हिस्सा रही हैं और दैनिक भास्कर (Dainik Bhaskar) में जूनियर कंटेंट क्रिएटर के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुकी हैं।