PathwayIndia.org पर आज हम बात कर रहे हैं एक बेहद जरूरी आदेश की, जिसका असर सीधे आम लोगों पर पड़ेगा। अगर आपके घर में हाल ही में किसी नवजात शिशु का जन्म हुआ है या होने वाला है, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद अहम है। मध्यप्रदेश सरकार ने अब एक नया नियम लागू कर दिया है – बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बने बिना मां को अस्पताल से छुट्टी नहीं दी जाएगी।
सरकार का उद्देश्य – जन्म प्रमाण पत्र में देरी खत्म करना
देशभर में यह देखा गया है कि कई बार जन्म प्रमाण पत्र बनने में देरी होती है। इसका नुकसान बच्चों को स्कूलों में एडमिशन, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और पहचान संबंधी दस्तावेज़ों में होता है। मध्यप्रदेश के आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय द्वारा 20 जून 2025 को जारी एक आदेश के तहत अब यह नियम लागू कर दिया गया है कि हर नवजात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र मां को अस्पताल से छुट्टी देने से पहले अनिवार्य रूप से बनाना होगा।
किन अस्पतालों पर लागू होगा यह आदेश?
इस आदेश को सभी सरकारी अस्पतालों में अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा। खासतौर से उन सरकारी अस्पतालों में जहां हर महीने 50% या उससे अधिक जन्म दर्ज होते हैं। इस आदेश के अनुसार, अस्पताल में रजिस्ट्रार की नियुक्ति सुनिश्चित की जाएगी ताकि जन्म के तुरंत बाद ऑन-स्पॉट रजिस्ट्रेशन और तत्काल प्रमाण पत्र जारी किया जा सके।
क्यों जरूरी हो गया है यह बदलाव?
आज के समय में जन्म प्रमाण पत्र केवल पहचान का दस्तावेज नहीं, बल्कि बच्चे की शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग, और सरकारी योजनाओं से जुड़े हर क्षेत्र में प्रवेश की पहली सीढ़ी है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार:
- कई बार शिशु का जन्म रजिस्ट्रेशन होने में हफ्तों लग जाते हैं
- माता-पिता को पंचायत या नगर निगम के चक्कर लगाने पड़ते हैं
- स्कूल एडमिशन या राशन कार्ड में नाम जुड़वाने में प्रमाण पत्र की देरी से दिक्कत होती है
अब सरकार ने इसे खत्म करने के लिए अस्पताल स्तर पर ही जन्म प्रमाण पत्र देने का निर्णय लिया है।
रजिस्ट्रार की भूमिका क्या होगी?
हर सरकारी अस्पताल में अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि रजिस्ट्रार या संबंधित अधिकारी उपलब्ध हों। इनका काम होगा:
- नवजात का रजिस्ट्रेशन तुरंत करना
- कागजों की जांच कर प्रमाण पत्र तुरंत जारी करना
- मां को छुट्टी देने से पहले प्रमाण पत्र थमाना
किस दस्तावेज़ के आधार पर हुआ यह आदेश?
यह आदेश भारत के रजिस्ट्रार जनरल के 2018 के सर्कुलर के आधार पर 2025 में दोबारा लागू किया गया है। मध्यप्रदेश शासन के आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय द्वारा इसके तहत आदेश संख्या 2912/2025/आसां/13-जीव, दिनांक 20/06/2025 को जारी किया गया।
अब अस्पतालों को क्या करना होगा?
क्र.सं. | पालन किए जाने वाले निर्देश |
---|---|
1. | हर जन्म का तत्काल पंजीकरण करना होगा |
2. | रजिस्ट्रार की तैनाती सुनिश्चित करनी होगी |
3. | छुट्टी से पहले जन्म प्रमाण पत्र देना अनिवार्य |
4. | इस प्रक्रिया को नियमित रूप से मॉनिटर करना होगा |
जनसाधारण को होगा सीधा लाभ
इस कदम से न केवल माता-पिता को जन्म प्रमाण पत्र के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, बल्कि जन्म के तुरंत बाद मिलने वाला दस्तावेज़ स्कूल, बैंक, राशन कार्ड, और अन्य सरकारी योजनाओं में सीधा उपयोगी होगा। यह प्रशासन की पारदर्शिता और तत्परता का भी संकेत है।
निष्कर्ष: जन्म के साथ ही पहचान भी सुनिश्चित
मध्यप्रदेश सरकार का यह निर्णय कई स्तरों पर बदलाव लाएगा — बच्चे की पहचान जन्म के साथ ही तय होगी, माता-पिता को प्रक्रिया की परेशानी नहीं होगी और सरकारी आंकड़ों की सटीकता भी बढ़ेगी।
PathwayIndia.org पर हम आपको ऐसे ही ज़रूरी आदेशों और नीतियों की जानकारी देते रहेंगे, जिससे आपकी नागरिक जिम्मेदारियाँ और अधिकार दोनों स्पष्ट हों।
Disclaimer: यह जानकारी मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी आधिकारिक आदेश पर आधारित है। कृपया किसी भी प्रक्रिया से पहले संबंधित अस्पताल या ज़िला प्रशासन से पुष्टि अवश्य करें।