Bihar New Rail Line project: यह विशेष रिपोर्ट बिहार के एक बड़े रेल प्रोजेक्ट को लेकर है, जिसे केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ यात्री सुविधाओं के लिहाज से अहम है, बल्कि राज्य की लॉजिस्टिक्स प्रणाली और आर्थिक विकास को भी मजबूती देगा। दरभंगा से मुजफ्फरपुर तक प्रस्तावित यह नई रेलवे लाइन अब सीधे नेशनल हाइवे से जुड़े नए स्टेशन के साथ तैयार की जाएगी, जिससे व्यापार, उद्योग और ग्रामीण विकास को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
रेलवे बोर्ड ने दी मंजूरी: दरभंगा–मुजफ्फरपुर के बीच बनेगा नया रेल कॉरिडोर
काफी वर्षों से लंबित पड़ी इस रेल परियोजना को आखिरकार फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए भारतीय रेलवे की हरी झंडी मिल चुकी है। यह रेल लाइन करीब 66.9 किलोमीटर लंबी होगी और इसका प्राथमिक उद्देश्य होगा क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाना और नेशनल हाइवे से जुड़ाव सुनिश्चित करना।
इस प्रोजेक्ट के लिए रेलवे ने ₹1.67 करोड़ की राशि सर्वे के लिए स्वीकृत कर दी है। इस लाइन के जरिए न सिर्फ दरभंगा और मुजफ्फरपुर के बीच एक नया विकल्प खुलेगा, बल्कि इससे आसपास के दर्जनों गांव, कस्बे और छोटे व्यापारी क्षेत्रों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। इससे पहले यह प्रस्ताव 2012-13 में लाया गया था, लेकिन विभिन्न कारणों से ठंडे बस्ते में चला गया। अब एक बार फिर इसे बजट 2025-26 में जगह देकर रेलवे बोर्ड ने इस पर तेजी से काम शुरू कर दिया है।
Railway स्टेशन होगा नेशनल हाइवे से कनेक्ट – क्या है इसका महत्व?
इस प्रोजेक्ट की सबसे खास बात यह है कि जो नया स्टेशन प्रस्तावित किया जा रहा है वह सीधे नेशनल हाइवे (NH) से जुड़ा होगा। यानी जो भी यात्री या व्यापारी ट्रेन से पहुंचेंगे, वे बिना किसी रूकावट के सड़क मार्ग द्वारा सीधे हाईवे से जुड़ जाएंगे। यह सुविधा वर्तमान समय में अत्यंत जरूरी हो गई है, खासकर मालगाड़ियों और फूड सप्लाई नेटवर्क के लिए।
नेशनल हाइवे से कनेक्टेड रेलवे स्टेशन का मतलब है – मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम। इससे माल ढुलाई तेज होगी, व्यापारियों को लागत में राहत मिलेगी और कनेक्टिविटी का लाभ आम नागरिकों तक भी पहुंचेगा। छोटे कस्बों को यह बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि उनके विकास की गति अब दोगुनी हो सकती है।
बिहार में बढ़ रही रेलवे की सक्रियता और भी प्रोजेक्ट्स लाइन में
बिहार में केवल दरभंगा–मुजफ्फरपुर प्रोजेक्ट ही नहीं, बल्कि कई अन्य रेल प्रोजेक्ट भी पाइपलाइन में हैं। मुजफ्फरपुर में 12 किलोमीटर लंबी नई लाइन बनाई जा रही है जो एक नई रेलवे टर्मिनल से सीधे NH तक जाएगी। इससे मालगाड़ियों का भार बंटेगा और स्टेशन पर दबाव कम होगा। साथ ही अररिया से गलगलिया (110 किमी) और इमामगंज से डाल्टनगंज के बीच नई लाइनों के लिए भी सर्वे जारी है।
राज्य सरकार ने केंद्र को फतुहा–बिदुपुर, आरा–छपरा, गया–डोभी जैसे कई और नए रेल प्रोजेक्ट्स के प्रस्ताव भेजे हैं, जिनमें यात्रियों की संख्या बढ़ने और उद्योगिक क्षेत्रों के बीच नेटवर्क मजबूत करने की संभावनाएं हैं।
लॉजिस्टिक्स, शिक्षा और पर्यटन को मिलेगा सीधा फायदा
रेल कनेक्टिविटी का विस्तार केवल यात्रा के लिए नहीं बल्कि आर्थिक विकास का आधार भी बनता है। बिहार में इस समय कृषि, डेयरी और छोटे स्केल इंडस्ट्रीज तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों को यदि अच्छी ट्रांसपोर्ट सुविधा मिले तो वे बड़े बाजारों तक पहुंच सकते हैं।
इसके अलावा, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जैसे शहर शिक्षा के बड़े केंद्र हैं। नयी रेल लाइन इन शहरों में आने वाले छात्रों को भी बड़ी राहत देगी। साथ ही मधुबनी, वैश्याली और तिरहुत जैसे क्षेत्रों के पर्यटन स्थलों तक पहुंच आसान होगी जिससे स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
लंबे समय से अधूरी परियोजना को फिर से मिली जान
यह रेल लाइन पहली बार 2012 में चर्चा में आई थी जब तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने इस पर काम शुरू करवाया था। उस समय इसकी लागत ₹281 करोड़ आंकी गई थी लेकिन प्रशासनिक बाधाओं और भूमि अधिग्रहण की समस्या के कारण इसे रोका गया। अब जब राज्य और केंद्र सरकार दोनों ही रेल विस्तार पर सक्रियता दिखा रही हैं, तो इस परियोजना को पुनर्जीवित करना बिहार के लिए बेहद महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
रेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अब किसी भी प्रोजेक्ट को कागज़ों में बंद नहीं रहने दिया जाएगा, और सभी स्वीकृत रूट्स पर समयबद्ध कार्य किया जाएगा।
क्या कहता है PathwayIndia News का विश्लेषण?
PathwayIndia.org की टीम ने इस रेल प्रोजेक्ट के विभिन्न पहलुओं पर गहनता से अध्ययन किया है। इस परियोजना का फोकस केवल दो शहरों को जोड़ने भर का नहीं है, बल्कि बिहार को एक लॉजिस्टिक हब बनाने की दिशा में यह पहला मजबूत कदम है। रेलवे को नेशनल हाइवे से जोड़ना, फूड और कृषि उद्योग, शिक्षा, और लोकल बिजनेस के लिए गेमचेंजर हो सकता है।
इस रेल नेटवर्क के पूरी तरह तैयार होने के बाद, यह न केवल हजारों लोगों के रोजगार का कारण बनेगा, बल्कि यातायात के दबाव को भी कम करेगा। यात्री समय से गंतव्य तक पहुंच सकेंगे, और किसानों से लेकर उद्यमियों तक, हर वर्ग को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
बिहार में दरभंगा–मुजफ्फरपुर के बीच प्रस्तावित यह नई रेल लाइन भविष्य के विकास की दिशा में एक ठोस और व्यावहारिक कदम है। इसका सीधा जुड़ाव नेशनल हाइवे से होना इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी खासियत है। यह केवल एक रेलवे प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि एक व्यापक विकास मॉडल का हिस्सा है।
जैसे-जैसे निर्माण कार्य शुरू होगा, PathwayIndia news आपको समय-समय पर इसके अपडेट्स और ग्राउंड-रिपोर्ट्स देता रहेगा।